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हरियाणा में भाजपा जिलाध्यक्षों के बाद इन बड़े नेताओं पर गिर सकती है चुनाव की गाज

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
हरियाणा लोकसभा चुनाव में भाजपा के बागियों की लिस्ट तैयार हो रही है। अब तक 2 लोकसभा सीटों की लिस्ट रेडी हो चुकी है। इनमें सिरसा और सोनीपत का नाम शामिल है। ये लिस्ट मुख्यमंत्री नायब सैनी तक पहुंच गई हैं। बची 8 लोकसभा सीटों की रिपोर्ट रोहतक में होने वाली भाजपा की अहम बैठक में दी जाएगी।

Pउम्मीदवारों ने बागियों की इन लिस्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इन लिस्टों में भाजपा सांसदों, विधायकों के अलावा लोकल अफसरों के भी नाम बताए गए हैं। रिपोर्ट में उम्मीदवारों ने लिखा है कि इन्होंने चुनाव में पार्टी के साथ भीतरघात किया है। उन पर कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर उनके एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया है।

सिरसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर ने लोकल ऑफिसर, कर्मचारियों, भाजपा नेताओं और यहां तक ​​कि एक मौजूदा विधायक सहित लगभग 15 व्यक्तियों की लिस्ट तैयार की है, जिन्होंने कथित तौर पर प्रचार अभियान के दौरान विपक्षी दलों का पक्ष लिया था। सिरसा की लिस्ट में एक नगर निगम अधिकारी, एक एक्सईन , एक महिला कर्मचारी का नाम हैं। इनकी शिकायत की गई है कि इन्होंने कांग्रेस के लिए चुनाव में एजेंट के रूप में काम किया।

सोनीपत
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और विधायक मोहन लाल बड़ौली ने भी चुनाव में भीतरघातियों की लिस्ट बनाई है। इस लिस्ट में उन्होंने यहां से सीटिंग भाजपा सांसद और उनके करीबी एक विधायक का नाम शामिल किया गया है। इसके अलावा नगर निगम, डीसी ऑफिस के कुछ अधिकारियों की चुनाव में संदिग्ध संलिप्तता का जिक्र किया है।

लिस्ट के साथ बड़ौली ने भाजपा नेताओं के कुछ वीडियो भी भेजे हैं, जिसमें वह कांग्रेस के लिए काम करते दिख रहे हैं। साथ ही ऐसे ऑडियो भी हैं, जिसमें भाजपा नेता ब्राह्मणों के बड़े नेताओं को कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए कह रहे हैं।

हर सीट पर बड़े नाम
हरियाणा में लोकसभा उम्मीदवारों द्वारा बनाई जा रही लिस्ट में 15 से 17 बड़े नाम हैं। प्रत्याशियों की लिस्ट में सालों से नगर निगमों, डीसी ऑफिस, आरटीओ ऑफिस, पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने विपक्षी दलों की मदद की है। इसका इनपुट भी प्रत्याशियों ने सीएम नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिया है।
हरियाणा सरकार के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ अलग रणनीति बनाई है। चुनाव में सरकार के विरोध में एक्टिव रहे अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकार 10 जून तक कार्रवाई करेगी, जिसमें अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर ऑर्डर की लंबी चौड़ी लिस्ट जारी की जाएगी।

विधायकों के टिकट कटेंगे
भाजपा नेताओं और पार्टी विधायकों के द्वारा भीतरघात करने वालों के लिए सरकार और संगठन ने अलग प्लानिंग की है। भीतरघाती नेताओं व पदाधिकारियों को हाशिए पर डालकर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि कांग्रेस के लिए काम करने वाले विधायकों की टिकट पर भी खतरा होगा। आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट भी कट सकती है।

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